भारत मे आदमी की उत्पत्ति नहीं हुई है। पहली बात तो यह समझ में आनी चाहिये और जाननी चाहिए।
दूसरी बात यह समझ में आनी चाहिए कि भारत में मानव बस्तियां कब बसने लगी ।
तीसरी यह समझ में आनी चाहिए कि वे लोग कौन थे औऱ कहाँ से व किधर से आये।
चौथी चीज यह समझ में आनी चाहिए कि क़बीलों का भेद या प्रजातियों के भेद कैसे व किस आधार पर हुआ।
पांचवी बात यह समझ में आनी चाहिए कि मूल निवासी किसे कहा जायेगा।
छठी बात यह भी समझ में आनी चाहिए कि सिंध-सतलुज में सिर्फ मानव समूह आये ही नहीं बल्कि वहां से प्रव्रजन भी होता रहा अर्थात यहां से दूसरी जगह जाकर वहां भी बस्तियां बसाते रहे। उस हेतु प्रमाण है ।
और भी कई बातें है जो ऐसे सवालों से पहले सुलझा लिए जाने चाहिए नहीं तो सब उल्टा फुलटा इसलिए नजर आएगा क्योंकि दिमागों में कुछ और है।
वैसे ये मेगारी सिंधु क्षेत्र के सबसे प्राचीन सेटलर्स माने जाते है। ऋग्वैदिक काल से पहले के।
आर्यों के भारत आने से पहले के। सिकंदर के समय तक्षशिला व अन्य जगहों पर इनका ही राज्य था। एरियन की इंडिका देखे।
और यह तथ्य सुस्पष्ट हो चुका है कि मेघ लोग मेडिटेरियन है आर्यन नहीं।
आर्य ईरान से आये और मेघ आर्यों से कई सहस्र वर्ष पहले सिंधु क्षेत्र में बस चुके थे, बस्तियां बसा चुके थे। सिंधु सभ्यता इन्ही लोगों की दाय है। आर्यों का मेघों से 500 वर्ष संघर्ष चला।
दक्षिण के द्रविड़ों को समुन्द्र के रास्ता आना बताया जाता है और सिंध में मैदानी रास्ते से। यहां द्रविड़ों की दो शाखाएं हो जाती है। एक वह समूह, जिन्हें द्रविड़ ही कहा जाता रहा और दखिन में निवासित रहे। दूसरे, कोलारियन समूह में वर्गीकृत हुए। दूसरे ग्रुप में रक्त मिश्रण ज्यादा हुआ। और वे मंगोलियन रेस से मिश्रित होते रहे। अस्तु अधिकांशतः ताम्र वर्णीय कहे जाते रहे। उन में भी कई भेद किये गए। ----
मेघ व कोलारियन ग्रुप से कई जातियां बनी। कई राजपूत भी मेघों में से ही बने।
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मेघों का दूसरी शताब्दी के बाद कपड़े से जुड़ना परिकल्पित किया जा सकता है। वह भी कहीं कहीं पर। एथेंस के मेगारी उसी का प्रतिनिधित्व करते है।
ईसा की 2 या तीसरी शताब्दी में कपड़े का व्यवसाय बहुत उन्नति पर था। सिंध से कपड़ा निर्यात होता था, मेगारी बंदरगाह से कपड़ों का एक्सपोर्ट किया जाता था।उस हेतु मेघों का उस बंदरगाह पर कब्जा था और बाद में वहां मेघों की बस्ती और राज्य स्थापित हुआ।
मेसोपोटामिया से इनके रिश्ते थे। यह सब उन में लिखित है।
बाद में ईरानी और मेगारी लोगों के संघर्ष का इतिहास भी उल्लेखित है। ----
History of Megh Samaj
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मेघ क्या असुर थे?
Sunday, December 29, 2019
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