संभवतः तेरहवीं शताब्दी में मेघों में एक प्रसिद्द सिद्ध पुरुष हुए। जिन्हें पीर- पैगम्बर की श्रेणी में रखा जाता है। उनका जन्म सिंध पाकिस्तान में हुआ था। लोक में उन्हें पीर पिथौरा के नाम से जाना जाता है। ये बड़े करामाती थे और जैसा बाबा रामदेव को यहाँ गौरव प्राप्त है ठीक इसी प्रकार का उन्हें सिंध में गौरव हासिलहै।
इनकी माताजी का नाम सोनल बाई और पिताजी का नाम श्री मदनजी था। इनके गुरु का नाम वीर नाथ था। सूफी संत हजरत गॉस बहवालुद्दीन जकारिया के ये समकालीन थे।
पीर पिथोरा मुल्तान के थे। मुल्तान का नाम मल्ली(मेघ) लोगों के कारण ही पड़ा था। वहां मेघों की सघन बस्तियां थी और उनके अपने स्वतंत्र गण थे। कर्नल ब्रिग्ग्स आदि ने पीर पिथोरा पर यत्र तत्र टिप्पणियां की है।
पीर पिथोरा मुल्तान के थे। मुल्तान का नाम मल्ली(मेघ) लोगों के कारण ही पड़ा था। वहां मेघों की सघन बस्तियां थी और उनके अपने स्वतंत्र गण थे। कर्नल ब्रिग्ग्स आदि ने पीर पिथोरा पर यत्र तत्र टिप्पणियां की है।
वहां की परम्परा उन्हें मेघ ही मानती है। जो की सत्य है।
इधर कुछ वर्षों से पीर पिथोरा का राजपूतिकरण किया जाने लगा है। जो निंदनीय तो है ही साथ ही इतिहास के साथ खिलवाड़ भी है। कुछ पंवार खांप के व कुछ सोढ़ा खांप के राजपूत उन्हें राजपूत बनाने में लगे है। beware of such idiotic thoughts.
इधर कुछ वर्षों से पीर पिथोरा का राजपूतिकरण किया जाने लगा है। जो निंदनीय तो है ही साथ ही इतिहास के साथ खिलवाड़ भी है। कुछ पंवार खांप के व कुछ सोढ़ा खांप के राजपूत उन्हें राजपूत बनाने में लगे है। beware of such idiotic thoughts.
यह बात अलग है की मेघवालो के अलावा पीर पिथोरा को मुस्लमान और सोढा राजपूत आदि भी पूजते है।
Gazetteer of sindh province में उनके बारे में लिखा है- "one fair of noteworthy only is held yearly in the Nara district, at the town of pithora, near Akri, in the month of September. It is in honour of one Pithora, a spiritual guide among the mengwar community, and is attended by about 9000 people, principally of that tribe. There are seven other small fairs held in various parts of Thar and Parkar district, but not are sufficient consequence to requir note" pages- 856-857.
5 comments:
Abe bhaand tere kool se aye the kya shree madanji saale tere idiotic thoughts apne paas rakh tu hume galat sabit mat kariyo
गलत जानकारी देकर क्या साबित करना चाहता है,
तेरे को पिथौराजी के पिता का नाम भी पता नहीं, बाकि जानकारी को छोड़
Galat jankari mat do
अरे भोसडी के तेरा बाप को पुछ भडवे गलत जानकारी
लिख हे डेड
aapri bhasa se hi aapka vyktitv
jalkta hai.jban se bahut achhe bolte ho sahab.
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